Thursday, April 18, 2019

पेरू के पूर्व राष्ट्रपति एलन गार्सिया ने गोली मार की आत्महत्या

पेरू के पूर्व राष्ट्रपति एलन गार्सिया ने ख़ुद को गोली मार आत्महत्या कर ली.

गार्सिया को पुलिस उनके आवास पर रिश्वत लेने के मामले में गिरफ़्तार करने पहुंची थी.

गार्सिया को राजधानी लिमा के अस्पताल में लाया गया था. उनकी मौत की पुष्टि पेरू के वर्तमान राष्ट्रपति मार्टिन विज़कार ने की है.

हॉस्पिटल के बाहर गार्सिया के समर्थक इकट्ठा हो गए थे उन्हें पुलिस ने क़ब्ज़े में लेकर वापस भेज दिया.

गार्सिया पर ब्राज़ील की कंसट्रक्शन कंपनी ओदेब्रक्त से रिश्वत लेने के आरोप हैं जिसे उन्होंने ख़ारिज किया था. इन आरोपों के बाद अधिकारी उन्हें गिरफ़्तार करने के लिए उनके घर गए थे.

गृह मंत्री कार्लोस मोरन ने पत्रकारों से कहा कि जब पुलिस वहां पहुंची तो गार्सिया ने एक फ़ोन करने की बात कही और अपने कमरे में चले गए और दरवाज़ा बंद कर लिया.

मोरन ने कहा, कुछ देर के बाद गोली चलने की आवाज़ आई. पुलिस ने धक्का देकर दरवाज़ा खोला तो गार्सिया कुर्सी पर पड़े थे और उनके सिर में गोली लगी हुई थी.

इसके बाद गार्सिया को लिमा के केसिमिरो उलोओ अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.

राष्ट्रपति विज़कार ने ट्वीट कर बताया है कि पूर्व राष्ट्रपति की मौत से उन्हें 'धक्का' लगा है और उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं.

गार्सिया 1985 से 1990 और 2006 से 2011 तक देश के राष्ट्रपति रहे हैं.

जांचकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने अपने दूसरे कार्यकाल में ओदेब्रक्त से रिश्वत ली थी. यह परियोजना राजधानी में मेट्रो लाइन निर्माण से जुड़ी हुई थी.

बीजेपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने इस पूरे मामले पर तंज करते हुए कहा, "आज दीदी बांग्लादेशी को लेकर चुनाव प्रचार कर रही हैं. कल वे पाकिस्तान से इमरान ख़ान को लाकर चुनाव प्रचार करेंगी क्या?"

फिरदौस अहमद की घटना के बाद तृणमूल कांग्रेस के नेता भी इस मसले पर सार्वजनिक तौर पर कुछ कहने से बच रहे हैं.

बीबीसी ने रायगंज में तृणमूल के उम्मीदवार कन्हैयालाल अग्रवाल ने फिरदौस के मामले पर बात करने की कोशिश की.

फिरदौस अहमद का नाम सुनते ही कन्हैयालाल अग्रवाल ने कहा कि मुझे इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

उन्होंने कहा, "चुनाव नज़दीक है और मेरे पास वक़्त की किल्लत है. अपना चुनाव प्रचार मैं खुद देखता हूं और मुझे फिल्मी सितारों को प्रचार के लिए लाने की कभी ज़रूरत नहीं पड़ी. इस बार भी ऐसी कोई ज़रूरत नहीं है."

लेकिन सोशल मीडिया में फिरदौस के साथ कन्हैयालाल की तस्वीरें देखी जा सकती हैं. हालांकि कन्हैयालाल इससे इनकार करते हैं.

इस दौरान भारत के गृह मंत्रालय ने एफ़आरआरओ (फ़ॉरेनर्स रजिस्ट्रेशन रीजनल ऑफ़िस) से इस बाबत रिपोर्ट मांगी कि क्या फिरदौस अहमद ने अपनी वीज़ा शर्तों का उल्लंघन भी किया था.

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